दोस्तों नमस्कार आज हम बात करने जा रहे है काले जादू की क्या यह सच में किसी इंसान की ज़िंदगी को तहस नहस कर सकता है। क्या सच में किसी गुड़िया में सुई चुभो कर किसी व्यक्ति को नुकसान पहुँचाया जा सकता है। आइये तो हम आपको बताते है क्या है काले जादू के भयानक तथ्य।
काला जादू पारम्परिक रूप से पराप्राकृतिक शक्तियों अथवा दुष्ट शक्तियों की सहायता से अपने स्वार्थी उद्देश्यों को पूर्ण करने के लिए किया जाने वाला एक जादू है। काला जादू एक ऐसी बुरी शक्ति जो किसी पर बुरा प्रभाव डालती है यह एक प्रकार नकारात्मक दृष्टि। द्वापर युग यानी महाभारत में ऊर्जा के बारे में रोचक प्रसंग मिलता है। एक बार अर्जुन ने श्रीकृष्ण से सवाल पूछा था, ‘आपका यह कहना है कि हर चीज एक ही ऊर्जा से बनी है और हरेक चीज दैवीय है, अगर वही देवत्व दुर्योधन में भी है, तो वह ऐसे नकारात्मक काम क्यों कर रहा है?’ कृष्ण थोड़ा हंसे फिर रुके और उन्होंने कहा, ‘ईश्वर निर्गुण है, दिव्यता निर्गुण है। उसका अपना कोई गुण नहीं है । बंगाल और असम को काला जादू का गढ़ माना जाता रहा है। काले जादू के माध्यम से किसी को बकरी बनाकर कैद कर लिया जाता है या फिर किसी को वश में कर उससे मनचाहा कार्य कराया जा सकता है। काले जादू के माध्यम से किसी को किसी भी प्रकार के भ्रम में डाला जा सकता है और किसी को मारा भी जा सकता है। माना जाता है कि काला जादू शरीर में नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करता है। ये शक्तियां बाहरी व्यक्ति के द्वारा भेजी जाती हैं जो उस व्यक्ति पर आतंरिक प्रभाव डालती है। दरअसल काला जादू मनोवैज्ञानिक ढंग से कार्य करता है। काला जादू करने वाले आपके अचेतन मन को पकड़ लेते हैं। इसका प्रभाव आपके मन पर होता है। काले जादू को अभिचार के नाम से भी जाना जाता है अर्थात ऐसा तंत्र-मंत्र जिससे नकारात्मक शक्तियों को जागृत किया जाता है। काले जादू अर्थात नकारात्मक तंत्र-मंत्र का मुख्य उद्देश किसी व्यक्ति को उस स्थान से भगाना, उसे परेशान करना या उसे अपने वश में करके उसका इस्तेमाल करना या उसे बर्बाद करना होता है। काले जादू के अंतर्गत मूठकर्णी विद्या, वशीकरण, स्तंभन, मारण, भूत-प्रेत, टोने और टोटके आदि आते हैं। अधिकतर इसे तांत्रिक विद्या भी कहते हैं। काला जादू किसी एक धर्म से नहीं जुड़ा है. इसाई धर्म में भी ‘एक्सॉरसिज्म‘ के नाम पर भक्तों को भगवान से जोड़ने की कोशिश की जाती है और इस्लाम में जिन्न से छुटकारा पाने के लिए काले जादू का सहारा लिया जाता है. भारत में शायद ही कोई शहर या गांव ऐसा होगा जहां कहीं ना कहीं छुप कर झाड़ फूक ना की जाती है.
ये लेख केवल शिक्षा उद्देश्य के लिए लिखा गया है। मैं न तो कोई तांत्रिक हूँ और न किसी काली विद्या का उपासक हूँ।
