नमस्कार दोस्तों आज है शनिवार महाबली शनि देव का बार आप सभी जानते ही हो के भगवन शिव, शनि देव के गुरु हे और शनिदेव को न्याय करने और दण्डित करने की शक्ति भगवन महादेव द्वारा ही प्राप्त हुई थी। शनि देव रंग में काले हैं और वह छाया देवी और भगवान सूर्य देव के पुत्र हैं। शनि देव बेहद उदार भगवान हैं, हालांकि कई लोग उन्हें क्रूर रूप में देखते हैं। वह अपने भाई यमराज की तरह इतने न्यायप्रिय है इसीलिए वह लोगों द्वारा किए गए कार्यों के अनुरूप सही प्रकार के परिणाम प्रदान करते हैं।
क्या आप जानते है शनिदेव पर तेल क्यों चढ़ाया जाता है हम आपको बताते है क्या है इसके पीछे की कहानी। जब भगवान की सेना ने सागर सेतु बांध लिया, तब राक्षस इसे हानि न पहुंचा सकें, उसके लिए पवन सुत हनुमान को उसकी देखभाल की जिम्मेदारी सौपी गई। जब हनुमान जी शाम के समय अपने इष्टदेव राम के ध्यान में मग्न थे, तभी सूर्य पुत्र शनि ने अपना काला कुरूप चेहरा बनाकर क्रोधपूर्ण कहा- हे वानर मैं देवताओ में शक्तिशाली शनि हूँ। सुना हैं, तुम बहुत बलशाली हो। आँखें खोलो और मेरे साथ युद्ध करो, मैं तुमसे युद्ध करना चाहता हूँ। इस पर हनुमान ने विनम्रतापूर्वक कहा- इस समय मैं अपने प्रभु को याद कर रहा हूं। आप मेरी पूजा में विघन मत डालिए। आप मेरे आदरणीय है। कृपा करके आप यहा से चले जाइए। जब शनि देव लड़ने पर उतर आए, तो हनुमान जी ने अपनी पूंछ में लपेटना शुरू कर दिया। फिर उन्हे कसना प्रारंभ कर दिया जोर लगाने पर भी शनि उस बंधन से मुक्त न होकर पीड़ा से व्याकुल होने लगे। हनुमान ने फिर सेतु की परिक्रमा कर शनि के घमंड को तोड़ने के लिए पत्थरो पर पूंछ को पटकना शुरू कर दिया। इससे शनि का शरीर लहुलुहान हो गया, जिससे उनकी पीड़ा बढ़ती गई। तब शनि देव ने हनुमान जी से प्रार्थना की कि मुझे बधंन मुक्त कर दीजिए। मैं अपने अपराध की सजा पा चुका हूँ, फिर मुझसे ऐसी गलती नही होगी। इस पर हनुमान जी बोले-मैं तुम्हे तभी छोडूंगा, जब तुम मुझे वचन दोगे कि श्री राम के भक्त को कभी परेशान नही करोगे। यदि तुमने ऐसा किया, तो मैं तुम्हें कठोर दंड दूंगा। शनि ने कहा मैं वचन देता हूं कि कभी भी आपके और श्री राम के भक्त की राशि पर नही आऊँगा। आप मुझे छोड़ दें। तभी हनुमान जी ने शनिदेव को छोड़ दिया। फिर हनुमान जी से शनिदेव ने अपने घावो की पीड़ा मिटाने के लिए तेल मांगा। हनुमान जी ने जो तेल दिया, उसे घाव पर लगाते ही शनि देव की पीड़ा मिट गई। उसी दिन से शनिदेव को तेल चढ़ाया जाता हैं, जिससे उनकी पीडा शांत हो जाती हैं और वे प्रसन्न हो जाते हैं। #dharmashastra
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